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Aayega maza ab barsat ka
Teri meri dilakash mulaqat ka
Aayega maza ab barsat ka
Teri meri dilakash mulaqat ka
Maine toh sambhale rakha tha
Maine toh sambhale rakha tha
Tune dekha dupatta chhut gaya
Yun ankhiyaan milake ankhiyon se
Yun ankhiyaan milake ankhiyon se
Pardesi mujhe tu lut gaya
Aa.. aa.. aa..
Ek bheegi hasina kya kahna
Yauvan ka nagina kya kahna
Savan ka mahina kya kahna
Barish mein pasina kya kahna
Mere hothon pe ye angur ka jo pani hai
Mere mehaboob tere pyaas ki kahani hai
Jab ghataon se bund zor se barasti hai
Tujhse milne ko teri janeman tarasti hai
Andaaz jo dekha zalim ka
Andaaz jo dekha zalim ka
Sabra ka baandh meri tut gaya
Yun ankhiyan milaake ankhiyon se
Yun ankhiyan milaake ankhiyon se
Pardesi mujhe tu lut gaya
Aa.. aa.. aa..
Nigahon mein chhupa le der na kar
Ye duri mita le der na kar
Ab dil mein basa le der na kar
Seene se laga le der na kar
Badi bechain hun meri jaan, main kal parason se
Tha mujhe intzaar iss din ka barson se
Ab jo rokega toh main had se guzar jayungi
Aur tadpayega dildar toh mar jayungi
Rehjayenge pyaase hum dono
Rehjayenge pyaase hum dono
Ye mausam jo hum se ruthh gaya
Maine toh sambhale rakha tha
Maine toh sambhale rakha tha
Tune dekha dupatta chhut gaya
Yun ankhiyan milaake ankhiyon se
Yun ankhiyan milaake ankhiyon se
Pardesi mujhe tu lut gaya
Aa.. aa.. aa..
आएगा मज़ा अब बरसात का
तेरी मेरी दिलक़श मुलाक़ात का
आएगा मज़ा अब बरसात का
तेरी मेरी दिलक़श मुलाक़ात का
मैंने तो संभाले रख्खा था
मैंने तो संभाले रख्खा था
तूने देखा दुपट्टा छूट गया
यूँ अँखियाँ मिलाके अंखियों से
यूँ अँखियाँ मिलाके अंखियों से
परदेसी मुझे तू लूट गया
आ.. आ.. आ..
एक भीगी हसीना क्या कहना
यौवन का नगीना क्या कहना
सावन का महीना क्या कहना
बारिश में पसीना क्या कहना
मेरे होठों पे अंगूर का जो पानी है
मेरे महबूब तेरे प्यास की कहानी है
जब घटाओं से बूँद ज़ोर से बरसती है
तुझसे मिलने को तेरी जानेमन तरसती है
अंदाज़ जो देखा ज़ालिम का
अंदाज़ जो देखा ज़ालिम का
सब्र का बांध मेरे टूट गया
यूँ अँखियाँ मिलाके अंखियों से
यूँ अँखियाँ मिलाके अंखियों से
परदेसी मुझे तू लूट गया
आ.. आ.. आ..
नज़रों में छुपा ले देर न कर
ये दूरी मिता ले देर न कर
अब दिल में बसले देर न कर
सीने से लगा ले देर न कर
बड़ी बेचैन हूँ मेरी जान, मैं कल परसों से
था मुझे इंतज़ार इस दिन का बरसों से
अब जो रोकेगा तो में हद से गुज़र जाऊंगी
और तडपायेगा दिलदार तो मर जाऊंगी
रेहजायेंगे प्यासे हम दोनों
रेहजायेंगे प्यासे हम दोनों
ये मौसम जो हम से रूठ गया
मैंने तो संभाले रख्खा था
मैंने तो संभाले रख्खा था
तूने देखा दुपट्टा छूट गया
यूँ अँखियाँ मिलाके अंखियों से
यूँ अँखियाँ मिलाके अंखियों से
परदेसी मुझे तू लूट गया
आ.. आ.. आ..
Aayega maza ab barsat ka
Teri meri dilakash mulaqat ka
Aayega maza ab barsat ka
Teri meri dilakash mulaqat ka
Maine toh sambhale rakha tha
Maine toh sambhale rakha tha
Tune dekha dupatta chhut gaya
Yun ankhiyaan milake ankhiyon se
Yun ankhiyaan milake ankhiyon se
Pardesi mujhe tu lut gaya
Aa.. aa.. aa..
Ek bheegi hasina kya kahna
Yauvan ka nagina kya kahna
Savan ka mahina kya kahna
Barish mein pasina kya kahna
Mere hothon pe ye angur ka jo pani hai
Mere mehaboob tere pyaas ki kahani hai
Jab ghataon se bund zor se barasti hai
Tujhse milne ko teri janeman tarasti hai
Andaaz jo dekha zalim ka
Andaaz jo dekha zalim ka
Sabra ka baandh meri tut gaya
Yun ankhiyan milaake ankhiyon se
Yun ankhiyan milaake ankhiyon se
Pardesi mujhe tu lut gaya
Aa.. aa.. aa..
Nigahon mein chhupa le der na kar
Ye duri mita le der na kar
Ab dil mein basa le der na kar
Seene se laga le der na kar
Badi bechain hun meri jaan, main kal parason se
Tha mujhe intzaar iss din ka barson se
Ab jo rokega toh main had se guzar jayungi
Aur tadpayega dildar toh mar jayungi
Rehjayenge pyaase hum dono
Rehjayenge pyaase hum dono
Ye mausam jo hum se ruthh gaya
Maine toh sambhale rakha tha
Maine toh sambhale rakha tha
Tune dekha dupatta chhut gaya
Yun ankhiyan milaake ankhiyon se
Yun ankhiyan milaake ankhiyon se
Pardesi mujhe tu lut gaya
Aa.. aa.. aa..
आएगा मज़ा अब बरसात का
तेरी मेरी दिलक़श मुलाक़ात का
आएगा मज़ा अब बरसात का
तेरी मेरी दिलक़श मुलाक़ात का
मैंने तो संभाले रख्खा था
मैंने तो संभाले रख्खा था
तूने देखा दुपट्टा छूट गया
यूँ अँखियाँ मिलाके अंखियों से
यूँ अँखियाँ मिलाके अंखियों से
परदेसी मुझे तू लूट गया
आ.. आ.. आ..
एक भीगी हसीना क्या कहना
यौवन का नगीना क्या कहना
सावन का महीना क्या कहना
बारिश में पसीना क्या कहना
मेरे होठों पे अंगूर का जो पानी है
मेरे महबूब तेरे प्यास की कहानी है
जब घटाओं से बूँद ज़ोर से बरसती है
तुझसे मिलने को तेरी जानेमन तरसती है
अंदाज़ जो देखा ज़ालिम का
अंदाज़ जो देखा ज़ालिम का
सब्र का बांध मेरे टूट गया
यूँ अँखियाँ मिलाके अंखियों से
यूँ अँखियाँ मिलाके अंखियों से
परदेसी मुझे तू लूट गया
आ.. आ.. आ..
नज़रों में छुपा ले देर न कर
ये दूरी मिता ले देर न कर
अब दिल में बसले देर न कर
सीने से लगा ले देर न कर
बड़ी बेचैन हूँ मेरी जान, मैं कल परसों से
था मुझे इंतज़ार इस दिन का बरसों से
अब जो रोकेगा तो में हद से गुज़र जाऊंगी
और तडपायेगा दिलदार तो मर जाऊंगी
रेहजायेंगे प्यासे हम दोनों
रेहजायेंगे प्यासे हम दोनों
ये मौसम जो हम से रूठ गया
मैंने तो संभाले रख्खा था
मैंने तो संभाले रख्खा था
तूने देखा दुपट्टा छूट गया
यूँ अँखियाँ मिलाके अंखियों से
यूँ अँखियाँ मिलाके अंखियों से
परदेसी मुझे तू लूट गया
आ.. आ.. आ..